CPR kya hota hai ? kaise diya jata hai ?
जब भी किसी व्यक्ति का एक्सीडेंट होता है जैसे की सड़क दुर्घटना , करंट लगना , आग लगना या फिर फैक्ट्री में किसी भी प्रकार का दुर्घटना या अगर
किसी व्यक्ति को ह्रदय की बिमारी हो तो उससे सांस लेने में कठिनाई हो सकती है या फिर वैसे कंडीशन में सांस रुक जाती है या फिर
अगर कोई आपके सामने में गिर जाए तो आपको चेक करना है की ह्रदय काम कर रहा है की नहीं उसके लिए
आप किसी भी हाथ के कलाई के नस को चेक कर सकते है अगर नस में धुक -धुक नहीं हो रहा है तो एसी स्तिथि में कृत्रिम श्वास का प्रयोग किया जाता है !
इसीलिए आपको कृत्रिम श्वास का तरीका जरुर पता होना चाहिए क्यों की इसकी जरुरत कभी भी पड़ सकती है ! तो आइये जानते है कृत्रिम श्वास के बारे में विस्तार से !
CPR का फुल फॉर्म Cardio pulmonary resuscitation होता है !
कृत्रिम स्वास के तीन विधि होते है :-
1.. शेफर विधि (Schaffer’s Method) :
रोगी को पेट के बल लेटाया जाता है !
यह क्रिया एक मिनट में 10 बार की जाती है !
2.. सिल्वेस्टर विधि (Sylvester method)
इसमें रोगी को पीठ के बल लेटाया जाता है !
यह क्रिया एक मिनट में 100 से 120 बार की जाती है !
3..लेबार्ड विधि (Laborde Method)
इसमें रोगी के मुह में फूंक मार कर कृत्रिम स्वशन किया जाता है !
ये भी पढ़े — Safety Practice Fire Extinguisher
CPR देना सीखे विडियो के मदद से –