chheni ke prakar छेनी के प्रकार
छेनी किसे कहते हैं?
छेनी एक प्रकार का हैंड टूल है इसका इस्तेमाल किसी धातु के हल्के व पतले अवयवों को काटने के लिए, इस्तेमाल किया जाता है तथा इसे चिपिंग के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है इस प्रकार के टूल को छेनी Chisel कहते हैं।”
छेनी को बनाने के लिए high carbon steel का प्रयोग किया जाता है छेनी बनाने के लिए high carbon steel को गोल आकार में छ: या आठ भुजा वाले लट्ठे बनाए जाते हैं। फिर इनको एक साइज में कटिंग किया जाता है इसके बाद फिर forging विधि द्वारा इसके एक सिरे को head तथा दूसरे सिरे पर cutting edge बनाई जाती है।
chheni ke prakar छेनी के प्रकार
छेनी के मुख्य भाग:
1.बॉडी या शैंक
यह छेनी के head और cutting edge के बीच वाला भाग होता है। छेनी का इस्तेमाल करते समय इसी भाग को पकड़ा जाता है।
chheni ke prakar छेनी के प्रकार
2.हैड
छेनी के सबसे ऊपर वाला भाग Head होता है। यह लगभग 70° के कोण पर शंक्वाकार बनाया जाता है। इसके, इसी भाग पर हैमर से मारा जाता है।
chheni ke prakar छेनी के प्रकार
3.कटिंग एज
cutting edge से आवश्यक धातु को काटा जाता है। इसलिए इसकी धार काफी तेज बनायी जाती है। इसकी धार को 35 डिग्री से 70 डिग्री के बीच के बीच रखा जाता है। यह कोण धातु के आधार पर रखा जाता है। यानि कि अगर जब नर्म धातु काटनी होती है, तो यह कम कोण रखा जाता है, और कठोर धातु के लिए अधिक कोण रखा जाता है।
chheni ke prakar छेनी के प्रकार
4.फोर्जिंग कोण
forging कोण cutting edge के पीछे और बॉडी के आगे वाला भाग होता है, इसको forging विधि द्वारा taper बनाया जाता है। यह अलग-अलग प्रकार की छेनियों में अलग अलग होता है।
छेनी के प्रकार
छेनी दो प्रकार के होते है
1.गरम छेनी
गर्म छेनी का प्रयोग गर्म धातुओं को कटिंग या चिपिंग करने के लिए किया जाता है इसका cutting edge 30 डिग्री कोण में होती है। गर्म छेनी का ज्यादातर इस्तेमाल लोहार के दुकानों में किया जाता है। कटिंग होने के बाद बार बार इसके धार को पानी में ठंडा किया जाता है जिससे इसकी धार कठोर हो जाती है जिससे इसे बार बार hard और temper करने की जरूरत नही होती है!
2.ठण्डी छेनी
ठंडी छेनी नाम से ही स्पष्ट है कि इस प्रकार के छेनी द्वारा धातु खंडों को ठंडी अवस्था में ही काटा जाता है। प्रत्येक वर्क शॉप में इसके प्रयोग की आवश्यकता होती है। अलग अलग कामों के लिए अलग-अलग प्रकार की छेनी का प्रयोग किया जाता हैं।
a. फ्लैट छेनी
flat chisel की चौड़ाई उसकी मोटाई से अधिक होती है। इसकी लम्बाई 10 cm से 40 cm तक होती है,तथा इसकी cutting edge को हल्की गोलाई दी जाती है। जिससे cutting करने में सुविधा मिलती है। इसकी cutting edge की चौडा़ई 1.6 cm से 3.2 cm तक होती है। चिपिंग करते समय छेनी गहराई में नहीं जाती है। ज्यादातर प्रयोग flat chisel का ही किया जाता है!
b. क्रॉस कट छेनी
cross cut chisel की चौड़ाई उसकी मोटाई से कम होती है। तथा इसकी लम्बाई 10cm से 40cm तक होती है, तथा इसकी cutting edge की चौडा़ई 0.4 cm से 1.2 cm तक होती है। इसका इस्तेमाल तब किया जाता है जब किसी जॉब में खाँचे (Grooves) काटने की आवश्यकता पड़ती है। इसके द्वारा अधिक मोटाई की कटिंग की जा सकती है
chheni ke prakar छेनी के प्रकर
इन्हें भी पढ़ें:- हथौड़ा किसे कहते हैं? इसके भाग व प्रकार
chheni ke prakar छेनी के प्रकार
c. डायमण्ड प्वॉइण्ट छेनी
diamond point cutting chisel की cutting edge आकार नुकीला तथा चौकोर हीरे के समान होता है। इस छेनी की लंबाई 10 cm से 40cm होती है,तथा cutting edge की धार की चौडा़ई 0.6cm से 1.6cm होती है। इसके नुकीले पॉइंट से ‘V’ ग्रुव काटे जा सकते हैं। डायमंड पॉइंट chisel का प्रयोग आयताकार groove के कोने शार्प (sharp) करने के लिए किया जाता है।
d. हाफ राउण्ड छेनी
half round चिसेल के आगे के टेपर भाग को अर्ध्दवृत्ताकार आकार का बनाया जाता है। इसकी लंबाई 15cm से 25cm होती है,तथा इसके सिरे पर cutting edge बनाई जाती है cutting edge की चौडा़ई 0.2cm से 1.6cm होती है। हाफ राउण्ड छेनी प्रयोग hub आदि में की-वे (Key-Way) बनाने के लिए किया जाता है।
chheni ke prakar छेनी के प्रकार
e. गऊ-मुख छेनी
गऊ-मुख छेनी का शैंक खोखला होता है तथा इसे आगे की तरफ से टेपर (Tapered) किया जाता है। इसको तिरछा काटने से अन्दर की साइडों में cutting edge गऊ-मुख के समान मिलती है। इस प्रकार के छेनी का cutting edge वक्र कटिंग एज की तरह होने से इसका इस्तेमाल किसी भी कार्यखण्ड को परिधि पर काटने के काम आती है।
chheni ke prakar छेनी के प्रकार
f. खोखली छेनी
खोखली छेनी गऊ-मुख छेनी के जैसी खोखली होती है तथा इसके आगे से शंकु आकार की होती है। खोखली छेनी की कटिंग एज वृत्ताकार होती है, जिससे गोल (circular) होल (hole) बनाने के काम में आती है। cutting edge से ऊपर एक झिर्री (slit) बनी होती है, जिससे स्क्रैप मैटीरियल (scrap material) बाहर आ जाता है। खोखली छेनी मुलायम धातुओं (soft material) या चमडा़ व रबड़ शीट काटने के काम आती है।
chheni ke prakar छेनी के प्रकार
(g.) आफसैट छेनी
खोखली छेनी का आगे का शैंक वाला भाग forge करके एक साइड में ओफ़्सेट (offset) कर दिया जाता है, यह chisel flat तथा साइड दो प्रकार की होती है।flat cutting chisel की धार पूरी चौडा़ई में बनी होती है तथा साइड कटिंग chisel की धार साइड (side) में बनी होती है। खोखली छेनी का प्रयोग चिपिंग (chipping) करने में किया जाता है तथा स्लाट (slot) से चिप्स को साफ करने के लिए भी इस chisel का प्रयोग किया जाता है।
chheni ke prakar छेनी के प्रकार
(h.)वैब छेनी
वैब छेनी का प्रयोग ड्रिल (drill) से (hole) बनाने के बाद उनके बीच की धातु (metal) को हटाने के लिए किया जाता है।
chheni ke prakar छेनी के प्रकार
छेनी का कटिंग कोण:
साधारणतया chisel का कटिंग कोण 60 degree रखा जाता है। विभिन्न प्रकार की छेनियों के विभिन्न धातुओं के लिए कटिंग कोण (cutting angle) नीचे लिस्ट में हैं-
धातु (Metal) | फ्लैट छेनी (Flat Chisel) | क्रॉस कट छेनी (Cross cut Chisel) | डायमण्ड प्वॉइण्ट छेनी (Diamond Point Chisel) | हाफ राउण्ड छेनी (Half round Chisel) |
स्टील (Steel) | 70° | 70° | 60° | 45° |
कास्ट आयरन (Cast Iron) | 60° | 60° | 60° | 45° |
तांबा या पीतल (Copper or Brass) | 45° | 45° | 60° | 45° |
एल्युमीनियम (Aluminium) | 35° | 35° | 60° | 45° |
Download App : ITI FITTER TOOLS name with photo